बहन भायंदर से
वह अपने गांव जाने की योजना बना रही थी, लेकिन छुट्टियों के मौसम के कारण कोई टिकट उपलब्ध नहीं था। उसने प्रभु पर भरोसा करते हुए प्रार्थना की कि वह हमेशा की तरह प्रदान करेगा। अब वह गवाही देती है कि इस पीक सीजन में भी उन्हें गांव से आने-जाने के लिए ट्रेन की सीटें मिलीं। सारी महिमा परमेश्वर की।