GGM/Bhayandar/07-01-24
बहन भयंदर से
वह दिसंबर के आखिर में अपने गांव जाना चाहती थी लेकिन उसके पास आरक्षित टिकट नहीं था । स्टेशन तक यात्रा करते समय उसने प्रार्थना की। चूंकि यह सटीक समय था इसलिए काफी भीड़ थी। यात्री ट्रेन में चढ़ नहीं पा रहे थे और गिर रहे थे। वह कहती है कि उसे अलौकिक ढंग से आरक्षण मिल गया जिससे उसकी यात्रा आरामदायक हो गई।
उसके गांव जाने का कारण एक संपत्ति थी, जिस पर बुजुर्गों का कब्जा था। उसने जोर देकर कहा कि वे संपत्ति का मालिकी उसे हस्तांतरित कर दें और इसके लिए पैसे लें। अतीत में उनकी ओर से देरी हुई थी, जिसके कारण उनके पति को वर्षों तक गांव में ही रहना पड़ा। वह कहती है कि परमेश्वर ने अलौकिक रूप से हस्तक्षेप किया और संपत्ति अब उसके नाम पर स्थानांतरित कर दी गई है। सारी महिमा परमेश्वर की।